Total Blog Views

Translate

सोमवार, 10 मार्च 2025

"वेदान्त क्या है?"


"वेदान्त क्या है?"

ॐ  !! वंदे  गुरु परंपराम् !! ॐ

मैं कहता हूँ कि इस धरती पर, वेदान्त के अलावा, उद्धार करने वाला कोई दर्शन ही नहीं है। अध्यात्म विद्या ही एकमात्र विद्या है। यह न स्वर्ग जाने की विद्या है, न नरक जाने की । यह पुण्य की विद्या भी नहीं है। पापियों के लिए भी इस के द्वार खुले हुए हैं; वशते कि उनका अन्तः करण इसके लिए तैयार हो गया हो। माँस खाने वाले को भी बोध हो जाएगा; लेकिन, ऐसे मूखों को बोध नहीं होगा, जो इस विद्या का आदर नहीं करते। ब्रह्मविद्या से ज्यादा किसी चीज को महत्त्व देने वाले को भी बोध नहीं होगा। यह अद्वितीय विद्या है। यह सर्वोपरि विद्या है। यही उपनिषद् विद्या है। ब्रह्मविद्या का दूसरा नाम ही उपनिषद् विद्या है।

'त्वं त्वौपनिषदं पुरुषं पृच्छामि'

अर्थात् उपनिषदों ने ही इस विद्या को समाज में प्रचलित किया है। अध्यात्म विद्या के मूल ग्रन्थ वेद और उपनिषद् हैं। इन ग्रन्थों का अध्ययन करने के बाद, इनके सिद्धान्तों का, हिन्दी गुरुमुखी, संस्कृत, उर्दू, फारसी या किसी अन्य भाषा में, उपदेश किया जा सकता है। गीता उपनिषदों से ही निकली है। इसलिए, गीता भी उपनिषदों की ही तरह सम्मान के योग्य है। सरलता की दृष्टि से, वह उपनिषदों से भी ज्यादा अच्छी है। भाषा की दृष्टि से, उपनिषद् हमारे लिए कठिन हैं।

वेदान्त, चेला बनाकर सुनाने की विद्या नहीं है। इसे कोई भी श्रद्धावान सुन सकता है। जिनके अन्दर सुनने का भाव है, उन्होंने चाहे मन्त्र लिया हो या न लिया हो, वे सब शिष्य है और सुनने के हकदार है। अर्जुन ने भगवान् कृष्ण से कोई गुरुमन्त्र नहीं लिया था। कृष्ण ने गीता में अर्जुन से कहीं नहीं कहा कि ये मन्त्र रट। फिर भी अर्जुन शिष्य है। कृष्ण सुनाते हैं और अर्जुन सुनता है।

बड़ाई कहीं बाहर नही मिलती, वह तुम्हारी सूझ-बूझ है। तुम क्यों चाहते हो? बड़ाई के गुलाम क्यों हो? अपनी आत्मा को क्यों बेचते हो? क्या तुम्हारी आत्मा किसी से कम है? यही तो पहला दर्शन है कि कोई भी व्यक्ति, अपनी आत्मा में कभी कमी महसूस न करे । यही वेदान्त है।

असल में तो वेदान्त सुनने के दो ही अधिकारी है। एक तो वे, जिनकी प्रबल जिज्ञासा है; दूसरे वे, जो ज्ञानी हैं। यह मत समझना कि ये जो सब सुनते हैं, इनको ज्ञान नहीं है। मैं यह कहता हूँ कि ज्ञान के बाद वेदान्त के सुनने में जो आनन्द आता है; वह आनन्द उसके पहले तो आता ही नहीं है। फिर तो यह लगता है, जैसे कि मेरी ही कथा हो रही है।

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः !! 


"To read this blog, click on the link given above 👆."

इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए ऊपर दिए गए 👆 लिंक पर क्लिक करें।

"You can read this blog in any language. All you need to do is click on the translate button provided at the top left corner of the page. By clicking it, you can read it in your preferred language."

आप इस ब्लॉग को किसी भी भाषा में पढ़ सकते हैं आपको बस इतना करना है कि पेज के ऊपर बायें हिस्से में ट्रांसलेट का बटन दिया गया है। आप उसे क्लिक कर के अपनी मनपसंद भाषा में इसे पढ़ सकते हैं।


Kindly follow, share, and support to stay deeply connected with the timeless wisdom of Vedanta. Your engagement helps spread this profound knowledge to more hearts and minds.


#vedantaphilosophy #AdiShankaracharya #advaita #advaitavedanta #hinduism #hindu #sanatan #sadhanapath #sadhanpath #sadguru #meditation #swamiparamanand #swamiparmanandgiri #yugpurush #swami #VedantaWisdom #yugpurushswamiparmanandgiri  #sadhanapathofficial  #insight #wise #wisdom #wisdomquotes  #oneness  #humanity  #SpiritualJourney #DivineKnowledge #SacredTeachings #InnerPeace #SelfRealization #TimelessWisdom #ConsciousLiving #SpiritualAwakening