Total Blog Views

Translate

मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

"विनय - पत्रिका (भाग-3)"


"विनय - पत्रिका (भाग-3)"

ॐ!! वंदे गुरु परम्परा !! ॐ

(8) सातैं सप्तधातु-निरमित तनु करिय बिचार।
तेहि तनु केर एक फल, कीजै पर-उपकार ॥ ८ ॥

सत्तमी के समान सातवां साधन यह है कि सात धातुओं (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और थूक) से बने इस अपवित्र शरीर पर विचार करना चाहिए।

(9) आठइँ आठ प्रकृति -पर निरबिकार श्रीराम।
केहि प्रकार पाइय हरि, हृदय बसहिं बहु काम ॥ ९ ॥

आठवां उपाय है कि निर्विकार स्वरूप श्रीराम (आत्मतत्व) अष्टधा जड़ प्रकृति से परे है (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकार)।

(10) नवमी नवद्वार-पुर बसि जेहि न आपु भल कीन्ह।
ते नर जोनि अनेक भ्रमत दारून दुख लीन्ह ॥ १० ॥

नवमी के समान इन नौ दरवाजों अर्थात नौ छेदों वाले शरीर में रह कर यदि अपनी आत्मा का कल्याण नहीं किया तो अनेक योनियों में भटकते हुए नाना प्रकार के दुखों को प्राक्ति होगी।

(11) दसइँ दसहु कर संजम जो न करिय जिय जानि।
साधन बृथा होइ सब मिलहिं न सारंगपानि।११ ॥

दसवाँ साधन यह है कि जिसने दसों इन्द्रियों को वश में नहीं किया, उसके सारे साधन निष्फ़ल हो जाते है!


(12) एकादसी एक मन बस कै सेवहु जाइ।
सोइ ब्रत कर फल पावै आवागमन नसाइ ॥ १२ ॥

एकादशी के समान ग्यारहवाँ साधन यह है कि मन को वश में करके एक श्री भगवान की ही सेवा करनी चाहिए। इस परमार्थ रूपी एकादशी के व्रत से जन्म-मरण (अज्ञानता) के नाशरूप परम फल की प्राप्ति होती है

(13) द्वादसि दान देहु अस, अभय होइ त्रेलोक।
परहित-निरत सो पारन बहुरि न ब्यापत सोक ॥ १३ ॥

द्वादशी रूपी बाहरवां साधना यही है कि सदा परोपकार में लगे रहना चाहिए। इस दान और पारण से फिर शोक- मोह नहीं रहता!

(14) तेरसि तीन अवस्था तजहु, भजहु भगवंत।
मन-क्रम-बचन-अगोचर, ब्यापक, ब्याप्य, अनंत ॥ १४ ॥

त्रयोदशी के समान तेरहवाँ साधन यह है कि जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति - इन तीनो अवस्थाओं को त्याग कर भगवान का भजन करना चाहिए अर्थात अहिर्निश भगवत् चिन्तन / आत्म चिन्तन करना चाहिए।


ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः !! 

शेष भाग चार में

"To read this blog, click on the link given above 👆."

इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए ऊपर दिए गए 👆 लिंक पर क्लिक करें।

"You can read this blog in any language. All you need to do is click on the translate button provided at the top left corner of the page. By clicking it, you can read it in your preferred language."

आप इस ब्लॉग को किसी भी भाषा में पढ़ सकते हैं आपको बस इतना करना है कि पेज के ऊपर बायें हिस्से में ट्रांसलेट का बटन दिया गया है। आप उसे क्लिक कर के अपनी मनपसंद भाषा में इसे पढ़ सकते हैं।


Kindly follow, share, and support to stay deeply connected with the timeless wisdom of Vedanta. Your engagement helps spread this profound knowledge to more hearts and minds.


#vedantaphilosophy #AdiShankaracharya #advaita #advaitavedanta #hinduism #hindu #sanatan #sadhanapath #swamiparamanand #swamiparmanandgiri #yugpurush #swami #VedantaWisdom #yugpurushswamiparmanandgiri  #sadhanapathofficial  #insight #wise #wisdom #wisdomquotes  #oneness  #humanity  #SpiritualJourney #DivineKnowledge #SacredTeachings #InnerPeace #SelfRealization #TimelessWisdom #ConsciousLiving #SpiritualAwakening #EternalTruth